भोपाल। मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान हो रहा है। इस विधानसभा उपचुनाव में 355 प्रत्याशी मैदान में है जिनका भविष्य आज ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगा। चुनाव परिणाम 10 नवम्बर को जारी होंगे। चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने 28 सीटें जीतने का दावा किया है। चुनाव परिणाम के पहले यह चर्चा शुरू हो गई कि यदि सिंधिया के मंत्री चुनाव हारे तो कौन कौन से विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा के कई विधायक ऐसे हैं जो मंत्री बनने का दावा कर रहे थे लेकिन सिंधिया समर्थकों को तवज्जो मिलने से भाजपा विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया। उपचुनाव के परिणाम को लेकर जो चर्चा है उससे एक बार फिर शिवराज खेमे के विधायकों में मंत्री बनने उम्मीद जागी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सिंधिया के मंत्री हारे तो भाजपा के कौन कौन से विधायक मंत्री बन सकते हैं? पार्टी सूत्रों की माने तो सिंधिया समर्थक मंत्री यदि चुनाव हारे तो रायसेन जिले से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी रामपाल सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। रामपाल सिंह पूर्व में भी शिवराज मंत्री मंडल में मंत्री रह चुके हैं। इनके अलावा जबलपुर से अजय विश्नोई मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। अजय विश्नोई मंत्री नहीं बनाए जाने से पार्टी से नाराज भी चल रहे हैं। अजय विश्नोई अलग अलग मंचों पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं। अजय विश्नोई के अलावा रीवा से राजेन्द्र शुक्ल भी मंत्री बनने की कतार में हैं। राजेन्द्र शुक्ल भी शिवराज सिंह चौहान के विश्वस्थ माने जाते हैं। इनके अलावा कटनी के संजय पाठक भी मंत्री बनाये जा सकते हैं। संजय पाठक भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और वर्तमान में विधायक हैं। संजय पाठक 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हुए थे।
सिंधिया के आधा दर्जन मंत्री डेंजर ज़ोन में
मध्यप्रदेश की जिन 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से 14 सीटों पर सिंधिया समर्थक मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें में आधा दर्जन मंत्रियों की सीट खतरे में है। राजनीतिक पंडितों के मुताबिक सिंधिया खेमे के 6 मंत्री चुनाव हार सकते हैं। 10 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद पुनः मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।